नई दिल्ली।राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में जबरदस्त शिकस्त के बाद कांग्रेस संगठन में बड़ा बदलाव करने की तैयारी कर रही है। पार्टी इन प्रदेशों सहित कई अन्य राज्यों में दूसरी पीढ़ी के नेताओं को जिम्मेदारी सौंप सकती है। ताकि, वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं में नया जोश पैदा किया जा सके।कांग्रेस इन राज्यों में संगठन के साथ नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी भी दूसरी पीढ़ी के नेताओं को सौंपना चाहती है, ताकि राज्यों में नया नेतृत्व विकसित किया जा सके। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि प्रदेश संगठन में दूसरी के साथ तीसरी पीढ़ी के नेताओं को भी शामिल किया जाएगा। वहीं, दूसरी तरफ वरिष्ठ नेताओं को एआईसीसी में जगह मिल सकती है।पार्टी रणनीतिकार मानते हैं कि चुनाव में हार के लिए प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व की जिद ने भी अहम भूमिका निभाई है। राजस्थान में तमाम सर्वों के बावजूद पार्टी प्रदेश नेताओं की जिद की वजह से ज्यादा टिकट नहीं काट पाई। वहीं, मध्य प्रदेश में पार्टी नेतृत्व की समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन की इच्छा के बावजूद वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने सपा को कोई तरजीह नहीं दी।ऐसे में साफ है कि पार्टी को अब इन राज्यों में नए सिरे से नेतृत्व तैयार करना होगा। पार्टी ने मध्यप्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को जल्द नया अध्यक्ष नियुक्त करने के संकेत भी दे दिए हैं। इसके साथ पार्टी ने दूसरी पीढ़ी के नेता को नेता प्रतिपक्ष का पद सौंपने की हिदायत दी है। राजस्थान में भी इसी फॉर्मूले पर अमल किया जाएगा। ताकि गुटबाजी पर लगाम कसी जा सके।छत्तीसगढ़ में भी पार्टी किसी नए नेता को जिम्मेदारी सौंप सकती है। निवर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और वरिष्ठ नेता टीएस सिंहदेव के बीच टकराव को देखते हुए पार्टी नए नेता को विधायक दल का नेता चुनने पर विचार कर रही है। छत्तीसगढ़ चुनाव में टीएस सिंहदेव, प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज सहित बघेल सरकार के आठ मंत्री हार गए थे।