नैनीताल । पिंडारी ग्लेशियर के ट्रैकिंग रूटों की खराब देखभाल पर पर्यावरणविदों ने चिंता जताई। राज्य वन्यजीव परिषद के सदस्य पद्मश्री अनूप साह ने पिंडारी से लौटने के बाद बताया कि ट्रैकिंग रूटों की स्थिति बहुत खराब है।
साह ने बताया कि साह ने बताया कि ग्लेशियर का जीरो प्वांइट तब से करीब आधा किमी पीछे खिसक गया है। वर्ष 1964 में 15 वर्ष की आयु में वह पहली बार पिंडारी गए थे। उन्होंने कहा अब ट्रैकिंग रूटों की स्थिति बेहद खराब है। इन रूटों की रखरखाव की जरूरत है।उस समय करीब 115 किमी की ट्रैकिंग होती थी, जिसमें धाकुड़ी की चढ़ाई सबसे रोमांचक होती थी। अब कुल ट्रैकिंग केवल करीब 31 किमी ही रह गई है। सभी पैदल रास्ते बहुत खराब दशा में हैं। रास्तों की मरम्मत न होने के कारण कफनी ग्लेशियर अभी तक बंद है। अब जहां एक तरफ वन्यजीवों की संख्या तेजी से घट रही है वहीं चरवाहों की भेड़ों और घोड़ों पर हिम तेंदुआ और भालू के हमले बहुत बढ़ गए हैं। आज थार, भरल, सांभर, सराव यहां तक कि काकड़ और घुरड़ तक मुश्किल से दिखते हैं। पक्षियों में पहले सैटायर ट्रैगोपान, चीड़, मोनाल, पहाड़ी तीतर आमतौर पर दिखाई देते थे जो अब नहीं दिखते।