हल्द्वानी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को यहां आयोजित कार्यक्रम में जमरानी बांध परियोजना के 494 विस्थापितों को 195.51 करोड़ रुपये मुआवजा राशि बांटी। उन्होंने कहा कि यह परियोजना तराई-भाबर के लोगों के लिए वरदान साबित होगी। परियोजना के विस्थापितों को मुआवजा बांटने के बाद सरकार जल्द ही इसके निर्माण कार्यों का शिलान्यास करेगी। उन्होंने कहा कि जमरानी बांध बनने के बाद उत्तराखंड में तराई-भाबर के साथ ही उत्तर प्रदेश के किसानों को भी सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा। एचएन इंटर कॉलेज परिसर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि जमरानी परियोजना के लिए लंबे समय तक आंदोलन चला। पूर्व की कई सरकारें इसे शुरू नहीं करा सकीं। कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार ने परियोजना के लिए सिंचाई निधि से बजट मंजूर कर क्षेत्र के लोगों के हित में बड़ा कार्य किया है। पिछले 50 वर्षों से क्षेत्र की जनता इस बांध के निर्माण का इंतजार कर रही थी। सीएम ने कहा कि साल 2029 तक जमरानी बांध का निर्माण पूरा हो जाएगा। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि जमरानी बांध परियोजना को धरातल पर उतारने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विशेष योगदान रहा है। उन्होंने सिंचाई निधि से बजट जारी कर बांध के सपने को साकार करने के लिए बड़ा कदम उठाया। उनियाल ने कहा कि जमरानी बांध के लिए केन्द्र की मोदी एवं राज्य की धामी सरकार ने सफल प्रयास किए हैं। जिसके चलते यह परियोजना मूर्तरूप लेने जा रही है। कहा कि यह परियोजना क्षेत्र के विकास में मददगार साबित होगी। मुख्यमंत्री धामी बताया कि बांध निर्माण से क्षेत्र के 1267 परिवार प्रभावित हो रहे हैं। इसमें से 494 परिवारों को 195.51 करोड़ रुपये मुआवजा ऑनलाइन बांटा जा रहा है। शेष परिवारों को भी जल्द मुआवजा राशि बांटी जाएगी। उन्होंने कहा कि बांध निर्माण के लिए वह विस्थापितों के योगदान को हमेशा याद रखेंगे। जिन्होंने राज्य के भविष्य के लिए अपने भविष्य को इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए समर्पित कर दिया।