लखनऊ। राजेंद्र तिवारी समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल में यूपी विधानसभा चुनाव में सीटों को लेकर सहमति बन गई है। रालोद को विधानसभा की 36 सीटें देने पर सहमति बनने की बात बताई जा रही है। जयंत 30 सीटों पर रालोद और छह सीटों पर सपा के सिंबल पर उम्मीदवार उतारेंगे। सपा मुखिया अखिलेश यादव और रालोद प्रमुख जयंती चौधरी के बीच उनके आवास पर करीब दो घंटे चली बैठक में यह सहमति बनी। अखिलेश ने अपने ट्विटर हैंडल पर जयंत चौधरी के साथ हाथ मिलाते हुए फोटो ट्वीट कर गठबंधन पर मुहर लगाई। समाजवादी पार्टी और रालोद के बीच चुनावी गठबंधन को लेकर काफी समय से चर्चाएं थीं। जयंत मंगलवार को अखिलेश के आवास पर पहुंचे और दोनों के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ। सूत्रों का कहना है कि जयंत चौधरी 45 सीटें चाहते थे। उन्होंने तर्क रखा कि यूपी की 45 विधानसभा सीटों पर उनकी मजबूत पकड़ है। इस लिहाज से उन्हें इतनी सीटें दी जानी चाहिए। दोनों नेताओं के बीच घंटों चली बैठक के बाद रालोद को 36 सीटें देने पर सहमति बनने की बात बताई जा रही है। अखिलेश और जयंत के बीच बातचीत के दौरान यह भी सहमति बनी है कि दोनों एक-दूसरे चुनाव चिह्न पर अपने-अपने उम्मीदवार उतारेंगे। मसलन जहां रालोद मजबूत होगा वहां उसके चिह्न पर उम्मीदवार उतारे जाएंगे और जहां पर सपा की स्थिति मजबूत होगी वहां पर सपा के चिह्न पर उम्मीदवार उतारे जाएंगे। इसका मकसद एक-दूसरी पार्टियों का वोट ट्रांसफर करवाते हुए जीत हासिल करना है। यूपी विधानसभा चुनाव के लिए सपा पांच दलों से गठबंधन कर चुकी है। महान दल अध्यक्ष केशव देव मौर्य, जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) के संस्थापक डा. संजय चौहान, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी महासचिव केके शर्मा और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के ओमप्रकाश राजभर के साथ सपा मुखिया अखिलेश यादव मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान चुके हैं। रालोद गठबंधन में शामिल होने वाला पांचवां दल है। सपा की अभी अन्य छोटे दलों से गठबंधन के लिए बातचीत चल रही है। खासकर उन पार्टियों से जिनका अपने-अपने क्षेत्रों में जनाधार है। अखिलेश पहले ही साफ कर चुके हैं कि उनकी पार्टी इस बार बड़े दलों से गठबंधन नहीं करेगी, छोटे दलों को अपने साथ लेकर चुनाव में उतरेगी। सपा का मानना है कि बड़े दलों से अधिक छोटे दल जीत के लिए कारगर हैं।