लखनऊ। प्रिया सिंह
कानपुर में अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय खोलने का ऐलान किया। मुख्यमंत्री ने कहा प्रदेश सरकार विश्वविद्यालय की कार योजना पर काम कर रही है अगले विधानसभा सत्र में बजट का प्रावधान कर दिया जाएगा। इस मौके पर केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद यशो नाइक ने यूपी के प्रस्तावित आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के लिए 10 करोड़ रुपए देने की घोषणा की।
शनिवार को मोतीझील लॉन में आयुष मंत्रालय की ओर से आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सक मन से हीन भावना निकालें। आयुर्वेद का प्रचार-प्रसार करें। जनता में आयुर्वेद पद्धतियों के प्रति विश्वास बढ़ना चाहिए। सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल विहारी वाजेपई के नाम पर लखनऊ में चिकित्सा विश्विवद्यालय बना रही है। सूबे के सभी मेडिकल कॉलेज इसी विश्वविद्यालय से संबद्ध होंगे। मुख्यमंत्री ने सरकारी मशीनरी को भी अलर्ट किया। कहा कि जो आयुर्वेद कॉलेज अच्छा काम कर रहे हैं उन्हें मान्यता देने के लिए एक-दो वर्ष के नाम पर परेशान न किया जाए। मान्यता के हमारे मानक तय होने चाहिए। मानक का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई भी होनी चाहिए।
सीएम ने कहा कि गोरखपुर स्थित गोरक्षपीठ में 1970 में आयुर्वेद कालेज चल रहा था। हमारे गुरुजी ने इसलिए बंद करा दिया कि वहां विशुद्ध आयुर्वेद पद्धति से उपचार नहीं हो रहा था। गुरुदेव का मानना था कि आयुर्वेद चिकित्सक मिक्स उपचार न करें। नाड़ी ज्ञान, पंचकर्म, क्षारसूत्र पद्धति से उपचार हो लेकिन इसे आगे बढ़ाने में जब विफल रहे तो कॉलेज बंद कर दिया गया। आज वहां 350 बेड का अस्पताल चल रहा है। वहां आयुर्वेद के विस्तार पर काम चल रहा है।