देहरादून। अनीता रावत
उत्तराखंड में सात रोपवे प्रोजेक्टों की डीपीआर बनाने और निर्माण में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) मदद करेगा। रोपवे निर्माण के लिए उत्तराखंड सरकार ने सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार के साथ अनुबंध कर लिया है। रोपवे निर्माण के लिए सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को नोडल विभाग बनाया गया है। सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की नियंत्रणाधीन नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) इन प्रोजेक्टों की डीपीआर बनाकर निर्माण की कार्रवाई शुरू करेगा।
राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए रोपवे यात्रियों एवं पर्यटकों के लिए एक प्रदूषण मुक्त यातायात का प्रमुख साधन बनेंगे। उत्तराखंड में विभिन्न धार्मिक एवं साहसिक पर्यटन स्थलों तक अधिक से अधिक पर्यटकों व श्रद्धालुओं को सुगमतापूर्वक पहुंचाने और पर्यटकों का आवागमन वर्ष भर किए जाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के साथ यह एमओयू किया है। रोपवे निर्माण के लिए केंद्र से एमओयू करने वाला, उत्तराखंड पहला राज्य है।इससे पहले पर्यटन विभाग ने मसूरी, पूर्णागिरी और सुरकंडा देवी रोपवे को पीपीई मोड पर बनाने एवं संचालित करने के लिए कार्रवाई शुरू की है। सुरकंडा देवी रोपवे का संचालन इस वर्ष के अंत तक शुरू कर दिया जाएगा। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि प्रदेश के सात स्थानों पर रोपवे निर्माण होने से निश्चित रूप से प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही देश-दुनिया के तीर्थयात्री व पर्यटक उत्तराखंड में रोमांच भरे सफर का आनंद भी उठा सकेंगे। सभी सात रोपवे देश-विदेश के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेंगे।