लंदन।
कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगने की उम्मीद एक बार फिर जगी है। चीन कोविड-19 की उत्पत्ति की जांच के तहत वुहान शहर से ब्लड बैंक के हजारों नमूनों की जांच करने की तैयारी कर रहा है। एक चीनी अधिकारी ने यह जानकारी दी। वायरस के फैलने को लेकर दुनियाभर से पारदर्शिता की बढ़ती मांग के बीच यह कदम उठाया गया है। 8 दिसंबर 2019 को चीन के वुहान में कोरोना का पहला मामला सामने आया था।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के जांचकर्ताओं के पैनल द्वारा 2019 के अंतिम माह से लेकर फरवरी 2021 तक के दो लाख से अधिक रक्त के नमूनों को वुहान रक्त केंद्र में सुरक्षित रखा गया है। डब्ल्यूएचओ के जांचकर्ताओं ने इसे महत्वपूर्ण जानकारी के संभावित स्रोत के रूप में माना। जो यह निर्धारित करने में मदद कर सकता है कि वायरस पहली बार मनुष्यों में कब और कहां पार हुआ। माना जाता है कि सार्स-कोव-2 से पहले संक्रमित इंसान वुहान से ही थे। ब्लड बैंक के नमूनों को दो साल के लिए रखा गया है। दो साल की अवधि जल्द समाप्त होने वाली है। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के एक अधिकारी ने एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन को बताया कि परीक्षण के लिए तैयारी चल रही है। काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस में वैश्विक स्वास्थ्य के वरिष्ठ साथी यानझांग हुआंग ने कहा कि रक्त के नमूनों से कोरोना के खिलाफ मानव में बने पहले एंटीबॉडी का पता चल सकता है। कोलंबिया विश्वविद्यालय में महामारी विज्ञान की एसोसिएट प्रोफेसर मॉरीन मिलर ने कहा, उनके पास महत्वपूर्ण सुराग होंगे। उन्होंने चीन से विदेशी विशेषज्ञों को प्रक्रिया का निरीक्षण करने की अनुमति देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, क्योंकि, कोई भी चीन की रिपोर्ट पर तब तक विश्वास नहीं करेगा जब तक कि वह किसी योग्य पर्यवेक्षक की निगरानी में न हो। मिलर ने कहा, नमूने यह भी संकेत दे सकते हैं कि पहला संक्रमित कौन था, कहां था, उनकी उम्र क्या थी और उनका व्यवसाय क्या था।