बीजिंग। ताइवान को लेकर अकसर अमेरिका और चीन आमने-सामने आ जाते हैं। ताइवान को सैन्य मदद देने की घोषणा को लेकर एक फिर दोनों देशों में तनातनी बढ़ गई है। इससे आगबबूला चीन ने रविवार को उसको चेतावनी दे दी और कहा कि अमेरिका आग से खेल रहा है।
चीन सरकार ने अमेरिका की ओर से ताइवान को सैन्य बिक्री और सहयोग देने की नई घोषणाएं किए जाने के बाद इसका विरोध जताया। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने शनिवार को रक्षा से जुड़े साजो सामान और सेवाओं तथा ताइवान के लिए सैन्य शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए 57 करोड़ 10 लाख डॉलर तक के प्रावधान को मंजूरी दी। इसके अलावा रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि सैन्य बिक्री के लिए 29 करोड़ 50 लाख अमरेकी डॉलर की मंजूरी दी गई है। चीनी विदेश मंत्रालय के एक बयान में अमेरिका से ताइवान को हथियार देना बंद करने और ताइवान जलडमरूमध्य में शांति एवं स्थिरता को कमजोर करने वाले खतरनाक कदम को रोकने का आग्रह किया गया। ताइवान एक लोकतांत्रिक द्वीप है, जिस पर चीन सरकार अपना दावा करती है। अमेरिकी सैन्य बिक्री और सहायता का उद्देश्य ताइवान को खुद की रक्षा करने और चीन को हमला करने से रोकना है। ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय (एमएनडी) ने कहा कि रविवार को सुबह 6 बजे तक ताइवान के आसपास 11 चीनी सैन्य विमान और 6 नौसैनिक जहाजों का पता चला। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के 11 विमानों में से 8 विमान ताइवान जलडमरूमध्य की मध्य रेखा को पार कर ताइवान के दक्षिण-पश्चिमी और दक्षिण-पूर्वी वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (एडीआईजेड) में प्रवेश कर गए।