बीजिंग। चीन ने शुक्रवार को तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर दुनिया का सबसे बड़ा बांध बनाने की अपनी योजना का बचाव किया। साथ ही कहा कि इस परियोजना से देश प्रभावित नहीं होंगे।
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने 137 अरब अमेरिकी डॉलर की अनुमानित लागत वाली इस विशाल परियोजना पर आशंकाओं को खारिज किया। यह परियोजना पारिस्थितिक रूप से बेहद नाजुक हिमालयी क्षेत्र में बनाई जा रही है, जो टेक्टोनिक प्लेट सीमा पर स्थित है, जहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं। उन्होंने कहा कि चीन ने दशकों तक गहन अध्ययन किया है और सुरक्षा उपाय किए हैं। माओ ने एक सवाल के जवाब में कहा कि चीन हमेशा से सीमा पार गुजरने वाली नदियों के विकास के लिए जिम्मेदार रहा है। इस परियोजना से निचले इलाकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। चीन ने बुधवार को भारतीय सीमा के निकट तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर दुनिया के सबसे बड़े बांध के निर्माण को मंजूरी दे दी, जिसे दुनिया की सबसे बड़ी अवसंरचना परियोजना बताया जा रहा है। इससे भारत और बांग्लादेश में चिंता बढ़ गई है जहां से होकर ये नदी गुजरती है।