हल्द्वानी। अनीता रावत
सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद यूपी और उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लागू होने के बाद अब शिवभक्तों ने भी हरिद्वार से गंगाजल लाने का तरीका बदल दिया है। अब शिवभक्त ट्रेन व रोडवेज बसों में सामान्य ड्रेस में तीर्थयात्री बनकर हरिद्वार पहुंच रहे हैं और वहां से बड़ी-बड़ी केन में गंगाजल लेकर गाड़ियों में लौट रहे हैं। दोपहिया वाहनों पर भी खास सख्ती या चेकिंग नहीं है।
हरियाणा के सोनीपत निवासी कुछ शिवभक्तों ने बताया कि पहले वह पैदल कांवड़ लाकर भगवान शिव का कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी व चतुर्दशी (शिवरात्रि) को जलाभिषेक करते थे, लेकिन इस बार वह गुरुपूर्णिमा के दिन ही गंगाजल केन में लेकर जा रहे हैं और श्रावण के पूरे पखवाड़े में भगवान शिव का गंगाजल से प्रतिदिन अभिषेक करेंगे। उन्होंने बताया कि हरिद्वार में प्रवेश के समय चेकिंग हो रही है लेकिन ट्रेन और बस हरिद्वार जा रही हैं। हरिद्वार का प्रशासन हरकी पैड़ी पर तो व्यवस्था बनाने में जुटा है, लेकिन कुछ दूरी के अन्य घाटों पर गंगाजल लेने और स्नान आदि करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। इसी कारण हरिद्वार से गंगाजल लाने में कोई परेशानी नहीं हुई है। वह हरिद्वार से उत्तराखंड के नंबर की गाड़ी लेकर अपने घरों तक निकल रहे तो वापस लौटने पर कोई सख्ती नहीं हैं। उधर, यूपी सीमा पर हरिद्वार की ओर से आ रहे वाहनों की या कांवड़ियों की कोई चेकिंग भूराहेड़ी चेकपोस्ट या गंगनहर कांवड़ मार्ग पर नहीं की जा रही है। कांवड़ यात्रा पर भले ही यूपी में प्रतिबंध हो, लेकिन प्रशासन सख्त नही हैं। महामृत्युंजय सेवा मिशन के संयोजक पंडित संजीव शंकर गुरु पूर्णिमा पर दोपहिया वाहन से हरकी पैड़ी तक गए। उनका कहना है कि इस दौरान किसी ने उन्हें नहीं रोका। वह हरकी पैड़ी पर गंगा स्नान करने के बाद गंगाजल लेकर लौटे। उनका कहना है कि हरकी पैड़ी पर कोई चेकिंग नहीं मिली।