नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को किसानों और अपने कर्मचारियों को दिवाली का तोहफा दिया। सरकार ने रबी की छह फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने का ऐलान करते हुए सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (डीए) में तीन फीसदी की वृद्धि की घोषणा की। इन घोषणाओं से देश के करोड़ों किसानों, 1.14 करोड़ केंद्रीय कर्मियों और पेंशनधारकों को लाभ होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में जिन छह फसलों के लिए एमएसपी बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई, उनमें गेंहू, चना, मसूर, सरसों, जौ और कुसुम शामिल हैं। इनकी एमएसपी में 130 से 300 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। बैठक के बाद केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि गेंहू की एमएसपी में 150 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा किया गया है। इस वृद्धि के बाद गेंहू की नई दर 2425 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। इसी तरह सरसों की एमएसपी में 300 रुपये की वृद्धि की गई है। अब सरसों की नई खरीद दर 5950 रुपये प्रति क्विंटल होगी। इसी तरह सरकार ने जौ की एमएसपी में 130 रुपये, चने की 210 रुपये, मसूर की 275 और कुसुम की एमएसपी में 140 प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी है। केंद्रीय कर्मियों के महंगाई भत्ते और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई राहत में तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी बीती एक जुलाई से लागू होगी। वैष्णव ने बताया कि इस बढ़ोतरी से सरकारी खजाने पर 9448 करोड़ रुपये का सालाना अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। सरकार के इस निर्णय से 49.18 लाख केंद्रीय कर्मियों और 64.89 लाख पेंशनभोगियों को लाभ होगा। सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए बुधवार को पीएम अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) के लिए 35 हजार करोड़ रुपये मंजूर किए। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया। इसका उद्देश्य किसानों को लाभकारी मूल्य प्रदान करना और उपभोक्ताओं के लिए बाजार मूल्य को स्थिर करना है। वहीं, वैष्णव ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य किसानों को फसलों की कटाई के समय जल्दबाजी में आकर अपनी फसल बेचने से रोकना है। इससे दलहन, तिलहन और अन्य जरूरी कृषि एवं बागवानी वस्तुओं के उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी, किसानों की आय बढ़ेगी और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा होगी।