मुर्शिदाबाद में तैनात रहेंगे केंद्रीय बल : हाईकोर्ट

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कोलकाता। कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि पश्चिम बंगाल के हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती बरकरार रहेंगी। गुरुवार को एक याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने यह आदेश दिया।
न्यायमूर्ति सौमेन सेन और राजा बसु चौधरी की खंडपीठ ने कहा कि हिंसा पीड़ितों के पुनर्वास और बहाली की निगरानी अदालत करेगी। साथ ही भाजपा और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और अन्य अधिकारियों को भड़काऊ भाषण नहीं देने का आदेश दिया। इसके मुताबिक, ऐसी बयानबाजी से तनाव बढ़ सकता है। बता दें, गत शुक्रवार को मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों से भड़की हिंसा के बाद हाईकोर्ट ने शांति बहाली के लिए जिले में केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार को हिंसा से प्रभावित लोगों के पुनर्वास की सुविधा के लिए एक समिति गठित करने का निर्देश दिया। इस समिति में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी), पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग और राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण के सदस्य शामिल होंगे। याचिकाकर्ता ने कहा, कोर्ट ने मामले पर सुनवाई के दौरान संज्ञान लेते हुए 4 मुद्दों पर जोर दिया। पहला, कोर्ट पीड़ितों के पुनर्वास और बहाली पर विचार करेगा। दूसरा, राज्य सरकार को उनके आवास का प्रबंधन तब तक करना है, जब तक उन्हें (हिंसा पीड़ितों को) उनके घर नहीं मिल जाते। तीसरा, एक समिति गठित करने का आदेश दिया है और चौथा, भड़काऊ बयान देने की अनुमति नहीं है। यह आदेश जारी करते हुए कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई सोमवार तय कर दी है। इस दौरान राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील ने कहा कि गठित सदस्यों की टीम प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रिपोर्ट अदालत को सौंपेंगी। वहीं सुनवाई के दौरान अदालत ने एनआईए, सीबीआई और केंद्रीय बलों को पूर्ण अधिकार देने की मांग की स्वीकार नहीं किया। दरअसल, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने याचिका दायर मांग की थी कि हिंसा की जांच एनआईए से कराई जाए। पश्चिम बंगाल सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट समक्ष एक रिपोर्ट पेश की। इसमें दावा किया कि हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में है। राज्य सरकार ने कहा कि जिले में हिंसा को रोकने के लिए पुलिस और प्रशासन द्वारा पर्याप्त कदम उठाए गए हैं। इस मामले में अभी तक 315 लोगों से ज्यादा की गिरफ्तारी हो चुकी है। वहीं हिंसा से प्रभावित कुछ परिवार अपने घर लौट चुके हैं।

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