नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के एक महाप्रबंधक सहित चार लोगों को 15 लाख रुपये की रिश्वत के लेन-देन के मामले में रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। इस कार्रवाई के दौरान सीबीआई ने विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर लगभग 1.18 करोड़ रुपये नकद बरामद किए हैं। यह मामला एनएचएआई के अनुबंधों और कार्यों में अवैध संतुष्टि के बदले रिश्वतखोरी से जुड़ा है।
सीबीआई ने इस मामले में 22 मार्च 2025 को एक केस दर्ज किया था, जिसमें 12 लोगों को आरोपी बनाया गया। इनमें एनएचएआई के मुख्य महाप्रबंधक/महाप्रबंधक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी, एक निजी कंपनी, उसके चार वरिष्ठ प्रतिनिधि, अन्य जीएम, ठेकेदार, और कुछ अज्ञात सार्वजनिक सेवक और निजी व्यक्ति शामिल हैं। जांच में खुलासा हुआ कि एनएचएआई के कुछ सार्वजनिक सेवकों ने एक निजी कंपनी के साथ सांठगांठ कर अनुचित लाभ लिया और एनएचएआई के अनुबंधों से संबंधित बिलों को संसाधित करने और पारित करने में मदद की। सीबीआई को सूचना मिली थी कि रिश्वत की राशि के बदले यह अनुचित लाभ दिया जा रहा है। इसके बाद, 22 मार्च को पटना में निजी कंपनी के एक प्रतिनिधि ने एक निश्चित स्थान पर एनएचएआई के एक महाप्रबंधक को रिश्वत दी। सीबीआई ने तुरंत कार्रवाई करते हुए रिश्वत लेने वाले महाप्रबंधक और रिश्वत देने वाले निजी कंपनी के प्रतिनिधि को 15 लाख रुपये की रिश्वत के लेन-देन के दौरान रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में रिश्वत के वितरण में सहायता करने वाले निजी कंपनी के दो अन्य प्रतिनिधियों को भी हिरासत में लिया गया।
सीबीआई ने इस मामले में पटना, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय, पूर्णिया, रांची और वाराणसी में आरोपियों के आवासीय और आधिकारिक परिसरों पर छापेमारी की। इस दौरान 1,18,85,000 रुपये नकद, कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण बरामद किए गए। सीबीआई ने बताया कि यह जांच अभी जारी है और मामले में अन्य संलिप्त लोगों की भूमिका की भी पड़ताल की जा रही है। इस घटना ने एक बार फिर सरकारी अनुबंधों में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के गंभीर मुद्दे को उजागर किया है।
