हल्द्वानी, गौरव जोशी – राजकीय महिला महाविद्यालय, हल्द्वानी के करियर काउंसलिंग सेल द्वारा डिजिटल मार्केटिंग पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस सत्र में अपग्रेड हल्द्वानी के विशेषज्ञ मिस्टर सत्येंद्र यादव, श्री हेमंत सनवाल और अनीशा ने छात्राओं को डिजिटल मार्केटिंग के मूल तत्वों की जानकारी दी।
डिजिटल मार्केटिंग कार्यशाला का उद्देश्य
इस कार्यशाला का उद्देश्य छात्राओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म के व्यावसायिक उपयोग से अवगत कराना था। विशेषज्ञों ने सोशल मीडिया मार्केटिंग, सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO), ईमेल मार्केटिंग और कंटेंट मार्केटिंग जैसे विषयों पर व्यावहारिक ज्ञान दिया।
कार्यशाला के दौरान बताया गया कि फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, लिंक्डइन और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ब्रांड प्रमोशन, ग्राहक जुड़ाव और व्यवसाय वृद्धि के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा, गूगल एडवर्ड्स, सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO) और पे-पर-क्लिक (PPC) विज्ञापन के उपयोग पर भी चर्चा की गई।
कार्यक्रम का शुभारंभ और प्रमुख अतिथि
इस कार्यशाला का उद्घाटन महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर आभा शर्मा द्वारा किया गया। उन्होंने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि डिजिटल मार्केटिंग आज के युग में सबसे प्रभावी करियर विकल्पों में से एक है। उन्होंने छात्राओं को इस क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों को सीखने और अपने करियर को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम में डॉ. रश्मि पंत (संयोजक), डॉ. विभा पांडे, डॉ. चंद्र प्रकाश, डॉ. संजू, डॉ. विवेक सहित कई वरिष्ठ शिक्षकगण उपस्थित रहे।
छात्राओं के लिए करियर के नए अवसर
इस कार्यशाला में भाग लेने वाली छात्राओं को डिजिटल मार्केटिंग में फ्रीलांसिंग, स्टार्टअप, डिजिटल बिजनेस, ऑनलाइन एडवरटाइजिंग और इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग के अवसरों के बारे में जानकारी दी गई।
विशेषज्ञों ने बताया कि ई-कॉमर्स, ब्लॉगिंग, एफिलिएट मार्केटिंग, यूट्यूब चैनल मॉनेटाइजेशन जैसी तकनीकों का उपयोग कर छात्राएं घर बैठे भी एक सफल करियर बना सकती हैं।
कार्यशाला के अंत में छात्राओं ने अपने सवाल पूछे और विशेषज्ञों ने डिजिटल मार्केटिंग से जुड़ी सभी जिज्ञासाओं का समाधान किया।
निष्कर्ष
यह कार्यशाला डिजिटल युग में छात्राओं के करियर निर्माण के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हुई। राजकीय महिला महाविद्यालय, हल्द्वानी में इस तरह के आयोजन छात्राओं को नई तकनीकों से जोड़ने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में सहायक सिद्ध होंगे।