लंदन। बिना समझौते के बेग्जिट को ब्रिटेन के सांसदों ने एक बार फिर नकार दिया है। हलांकि यूरोपीय संघ से बाहर निकलने संबंधी समझौते पर फिर से बात करने को लेकर ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे की कोशिश का समर्थन किया।
कंजर्वेटिव पार्टी की सांसद कैरोलिन स्पेलमैन और लेबर पार्टी के सांसद जैक ड्रोमे ने ईयू से ब्रिटेन के बिना समझौते के निकलने को रोकने के लिए एक संशोधन पेश किया जिसे 310 के मुकाबले 318 मतों से समर्थन मिला। इससे सरकार का यह तर्क कमजोर हो गया कि ब्रिटेन बिना समझौते के भी ईयू से बाहर निकलने का इच्छुक है। हालांकि इस मतदान के परिणाम को मानना मे के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं है। यानी इससे हाउस ऑफ कामन्स के मत का तो पता चलता है लेकिन मार्च 29 की बेग्जिट तिथि में बदलाव से इसका कोई लेना देना नहीं है। गौरतलब है कि सांसदों ने सरकार समर्थित एक संशोधन के समर्थन में मतदान किया जिसमें विवादास्पद आयरिश बैकस्टाप के वैकल्पिक समझौतों की बात की गई है। आयरिश बैकस्टाप में ब्रिटेन और आयरलैंड के बीच कड़े नियंत्रण वाली और सुरक्षा बलों की तैनाती वाली (हार्ड बॉर्डर) सीमा से बचने की बात की गई है। सांसद ग्राहम ब्रेडी ने इस संशोधन को पेश किया जिसे 301 के मुकाबले 317 मतों से समर्थन मिला। ब्रिटेन के पीएम मे ने कहा कि हम अब इस जनादेश को आगे लेकर जाएंगे और समझौते में कानूनी रूप से बाध्यकारी ऐसे बदलाव लाने की कोशिश करेंगे जो बैकस्टाप संबंधी चिंताओं को दूर करें और उत्तरी आयरलैंड एवं आयरलैंड के बीच फिर से ‘हार्ड बॉर्डर’ स्थापित नहीं करने की गारंटी दें। उधर यूरोपीय संघ के प्रवक्ता डोनाल्ड टस्क ने मंगलवार को कहा कि ब्रिटेन और ईयू के 27 सदस्यों के बीच हुए बेग्जिट समझौते पर पुन: वार्ता नहीं होगी।