लखनऊ। राजेंद्र तिवारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महोबा में कहा कि बुंदेलखंड के संसाधनों का उपयोग अब यहीं के विकास में होगा। उन्होंने कहा कि जय जवान, जय किसान का नारा बुंदेलखंड में साकार हो रहा है।
सीएम योगी ने कहा कि बुंदेलखंड में सूखा और बहन- बेटियों की पानी की समस्या से निजात आजादी के बाद से एक सपना था। पिछली सरकारों ने कभी इस पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन अब यह सपना साकार होने जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बुंदेलखंड में एक दर्जन परियोजनाएं सात वर्षों में पूरी हो चुकी हैं। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे से बुंदेलखंड के विकास को गति मिलेगी। डिफेंस कॉरीडोर से एक तरफ सामरिक शक्ति तो बढ़ेगी ही दूसरी तरफ यहां के युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। अर्जुन सहायक परियोजना से बांदा, हमीरपुर और वीरभूमि में खुशहाली आएगी। चार लाख लोगों को पानी की सौगात मिल रही है। रतौली बांध परियोजना, ललितपुर भावनी बांध परियोजना, हर घर जल की और हर खेत को मिल रहा है। मुख्यमंत्री योगी ने झांसी में कहा कि डिफेंस कारीडोर के लिए झांसी में 1034 हेक्टेयर का लैंडबैंक तैयार है। इसमें से 684 करोड़ का निवेश फाइनल हो चुका है। भारत डायनामिक्स लिमिटेड की 400 करोड़ की परियोजना के शिलान्यास पर कहा कि बीडीएल को 183 हेक्टेयर जमीन आवंटित कर दी गई है। कानपुर में 184 हेक्टेयर और चित्रकूट में 101 हेक्टेयर का लैंडबैंक बन चुका है। झांसी में 600 मेगावाट के सोलर पावर प्लांट की आधारशिला पर कहा कि इसमें 3000 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश होगा और 6000 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने महोबा में कहा कि कृषि सिंचाई योजना का संकल्प लेकर किसानों की आय को दोगुना करने के लिए 99 परियोजनाओं पर काम शुरू किया गया। इनमें 46 पूरी हो चुकी हैं और 28 पूरी होने वाली हैं। बाकी पर काम चल रहा है। इससे देश का अन्नदाता खुशहाल होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में स्थानीय सांसद ने बुंदेलखंड में पानी की विकट समस्या के बारे में बताया तो तुरंत इसके निस्तारण का खाका तैयार किया गया। अब यह परियोजनाएं धरातल पर हैं जिनसे सिंचाई के साथ हर घर तक नल से पानी पहुंचाया जाएगा। उन्होंने बताया कि पहले देश के तीन करोड़ घरों तक पानी पहुंचता था लेकिन अब साढ़े आठ करोड़ घरों तक पानी पहुंचा दिया गया है। उन्होंने कहा कि यूपी के 35 हजार से अधिक गांवों में हर घर जल योजना का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। 50 हजार करोड़ से पानी से जुड़े 40 लाख से ज्यादा छोटे-बड़े काम चल रहे हैं।