नई दिल्ली। नीलू सिंह
राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इसे मध्यस्थता पैनल के पास भेज दिया। मध्यस्थता पैनल में तीन लोग होंगे जो मध्यस्थता के माध्यम से अयोध्या विवाद को सुलझाने की कोशिश करेंगे। अदालत ने 4 सप्ताह के अंदर मध्यस्थता की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है। वही 8 हफ्ते में पूरी रिपोर्ट मांगी है। मध्यस्थता पैनल का नेतृत्व सेवानिवृत्त जस्टिस कलीफुल्लाह करेंगे। वहीं इस पैनल में श्री श्री रविशंकर और श्री राम पंच भी होंगे।
मिली जानकारी के अनुसार उच्चतम न्यायालय ने राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद मामले को सुलझने के लिए इसे मध्यस्थता पैनल के पास भेज दिया है। इसके लिए अदालत ने तीनों की कमेटी गठित की है, जो 4 हफ्ते में अपनी प्रक्रिया शुरू कर दी देगी। अदालत ने आठ हफ्तों के अंदर पूरी रिपोर्ट मांगी है। बताया जा रहा है कि मध्यस्थता कमेटी का नेतृत्व सेवानिवृत्त जस्टिस कलीफुल्लाह करेंगे। सेवानिवृत्त जस्टिस कलीफुल्ला का पूरा नाम फकीर मोहम्मद कलीफुल्ला है। 2 मार्च 2000 को उन्हें मद्रास उच्च न्यायालय का जज नियुक्त किया गया था। फरवरी 2011 को वह जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के सदस्य बने थे और और दो महीने बाद उनकी नियुक्ति कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के तौर पर हुई थी। सितंबर 2011 को उन्हें जम्मू-कश्मीर का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया। 2 अप्रैल 2012 को उन्हें उचच्तम न्यायालय में नामित किया गया। वह 22 जुलाई 2016 को सर्वोच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त हुए हैं। वही इस कमेटी में आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर भी होंगे। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर पहले भी इस मसले को मध्यस्था के माध्यम से सुलझाने की कोशिश कर चुके हैं। वह वेद विज्ञान विद्यापीठ, श्री श्री सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज, श्री श्री कालेज और आयुर्वेदिक साइंस एंड रिसर्च, श्री श्री मोबाइल एग्रीकल्चरल इनिसिएटीव्स और श्री श्री रूरल डेवलेपमेंट ट्रस्ट चलाते हैं। उन्हें भारत सरकार ने 2016 में पद्मविभूषण से सम्मानित किया था। वही कमेटी में श्रीराम पांच भी हैं। श्रीराम पंचू एक वरिष्ठ वकील हैं और कई मामलों मेंमध्यस्थता की भूमिका निभा चुके हैं। वह मध्यस्थता चेंबर के संस्थापक हैं जो किसी भी मामले में मध्यस्थता की सेवा प्रदान करते हैं। वह एसोसिएशन ऑफ इंडियन मीडिएटर के अध्यक्ष और इंटरनेशनल मीडिएशन इंस्टीट्यूट के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के सदस्य हैं।