नई दिल्ली। नीलू सिंह
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद सुलझाने के लिए मध्यस्थता का सुझाव दिया। कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वह रिश्तों को सुधारने की संभावना पर विचार कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 5 मार्च को आदेश देगा।
जानकारी के अनुसार मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा कि इस मामले को न्यायालय द्वारा नियुक्त मध्यस्थता को सौंपने या नहीं सौंपने के बारे में 5 मार्च को आदेश दिया जाएगा। पीठ ने कहा कि यदि मध्यस्थता की एक फीसदी भी संभावना हो तो राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील इस भूमि विवाद के समाधान के लिए इसे एक अवसर दिया जाना चाहिए। पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस.के. बोब्डे, डी.वाई. चन्द्रचूड़, अशोक भूषण और एस.ए. नजीर शामिल हैं। पीठ ने न्यायालय की रजिस्ट्री से कहा कि सभी पक्षकारों को छह सप्ताह के अंदर सारे दस्तावेजों की अनुदित प्रतियां उपलब्ध कराएं।