लखनऊ । राजेन्द्र तिवारी
पूर्वांचल के चार जिलों समेत 12 जिलों कमाण्डो ट्रेनिंग सेंटर भी स्थापित किया जाएगा। इनमें सहारनपुर के देवबंद, मेरठ, अलीगढ़, श्रावस्ती, बहराइच, गौतमबुद्धनगर, आजमगढ़, कानपुर, मिर्जापुर, सोनभद्र, वाराणसी व झांसी शामिल हैं। शासन ने 10 जिलों में भूमि भी आवंटित कर दी है। वाराणसी व झांसी में एटीएस इकाई की स्थापना के लिए जल्द ही भूमि आवंटन होने की संभावना है।
प्रदेश में एनएसजी की तरह खतरनाक ऑपरेशन को विशेषज्ञ तरीके से करने के लिए एटीएस के विशेष पुलिस संचालन दल (स्पॉट) का गठन वर्ष 2017 में किया गया था। स्पॉट कर्मियों ने बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ व आईटीबीपी के विशेषज्ञ प्रशिक्षकों से प्रशिक्षण लिया है। स्पॉट की पांच टीमें तैयार हैं । दो टीमें प्रशिक्षण ले रही हैं और दो अन्य टीमों के लिए कार्रवाई चल रही है। इसके अलावा यूपी पुलिस की पहली स्नाईपर्स टीम की चार टोलियां तैयार की गई हैं, जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) ने प्रशिक्षण दिया है। इसके बाद यूपी पुलिस की दक्षता और प्रभावशीलता में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि गौतमबुद्धनगर के ग्रेटर नोएडा में जेवर एयरपोर्ट और आजमगढ़ में एयरपोर्ट के निकट एटीएस यूनिट बनेगी। देवबंद में रेलवे स्टेशन के पास एटीएस के स्थानीय कार्यालय एवं स्पेशल पुलिस आपरेशन टीम (स्पॉट) के लिए दो हजार वर्ग मीटर यूपीएसआईसी की भूमि शासन ने आवंटित की है। भारत-नेपाल सीमा पर बहराइच और श्रावस्ती में एटीएस की नई फील्ड यूनिट स्थापित की जा चुकी है और कार्य सुचारू रूप से चल रहा है। मुख्यमंत्री ने एटीएस को अत्याधुनिक संसाधनों से लैस करने तथा समुचित मानव संसाधन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।