नई दिल्ली। नीलू सिंह
आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन की संभावनाओं पर विराम लगाते हुये आप ने दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की है। आप की दिल्ली इकाई के संयोजक गोपाल राय ने शुक्रवार को कहा ‘‘हम दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में अकेले ही चुनाव लड़ेंगे।’’ राय ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं होने के लिये कांग्रेस नेताओं के अहंकारी रुख को जिम्मेदार ठहराते हुये कहा ‘‘जिस प्रकार कांग्रेस के नेता केप्टन अमरिंदर सिंह और शीला दीक्षित के बयान आ रहे हैं, उनसे यह स्पष्ट है कि देशहित से कांग्रेस का कुछ लेना देना नहीं है और उसके लिए अपना अहंकार सर्वोपरि है।” उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आप और कांग्रेस के गठबंधन की चर्चा चल रही थी। आप पहले दिन से कांग्रेस की विचारधारा से असहमत रही है और दिल्ली में उसके 15 साल के कुशासन को शून्य सीट पर लाकर खत्म किया।” राय ने दलील दी ‘‘वयोवृद्ध राजनीतिज्ञों के सुझाव पर देश को आगे रखते हुए, हम कांग्रेस नाम के जहर को पीने को तैयार थे। लेकिन कांग्रेस के लिए देश से आगे उसका अहंकार है।” उन्होंने कहा कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित कह रही हैं कि वह इस बात का परीक्षण करेंगी कि दिल्ली को आखिर बिजली पानी कैसे सस्ता मिल रहा है। इससे यह स्पष्ट है कि कांग्रेस अभी भी जनता के जनादेश को मानने को तैयार नहीं है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनायी गयी दीक्षित ने आप के साथ गठबंधन की संभावनाओं को सिरे से खारिज कर दिया था। उन्होंने इसके लिये दो मुख्य वजहें बतायी थी, पहला आप संयोजक अरविंद केजरीवाल विश्वास करने लायक नहीं हैं और आप विधायकों द्वारा हाल ही में दिल्ली विधानसभा में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का भारत रत्न सम्मान वापस लेने का प्रस्ताव पारित करना दूसरी वजह बतायी थी।