देहरादून। अनीता रावत
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में न्यूरो बायो कैमेस्ट्री वर्कशॉप के दूसरे दिन प्रतिभागियों को विभिन्न टेस्ट व प्रयोगों का प्रशिक्षण दिया गया।कार्यशाला में शामिल हो रहे प्रतिभागियों को अपने संदेश में एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि हर रोग के उपचार व जांच में बायोकेमिस्ट्री की अहम भूमिका है। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो.रवि कांत बताया कि मेडिकल एबलेशन थैरेपी में दवाओं से इलाज किया जाता है, ऐसे में रिसैप्टर और ड्रग्स की जानकारी हमें बायोकेमिस्ट्री के द्वारा ही मिलती है। निदेशक एम्स प्रो.रवि कांत ने बताया कि बायोकेमिस्ट्री की स्पेसलिटी वाले चिकित्सकों को मरीजों को भी देखना चाहिए, जिससे वह नए नए तरह के टेस्ट व उपचार के तरीके ढूंढ सकें।
कार्यशाला के दूसरे दिन सोमवार को आयोजित व्याख्यानमाला में क्लिनिकल फार्मेसी के प्रमुख डा.मुरली मुनि स्वामी ने फार्मोको जेनोमिक्स के बारे में बताया। उन्होंने मिर्गी रोग, एल्जाइमर्स व सिजोफ्रेनिया के बारे में बताया। उन्होंने यह भी बताया कि किस तरह से बीमारी का इलाज मौरिक्यूलर लेवल पर देखा व परखा जा सकता है। एम्स साइकेट्रिस्ट विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा.अनिरुद्ध बासू ने बताया कि नशे के लिए ली जाने वाली दवाएं किस तरह से शरीर पर असर करती हैं। उन्होंने इसके टेस्ट की प्रक्रिया के बाबत भी बताया। विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डा.बेला गोयल ने उन्हें इम्यूनो ब्लॉट टेक्निक के बारे में जानकारी दी और उन्हें अलग अलग न्यूरोलॉजीकल डिजिज के लिए इमिनो ब्लॉट के इस्तेमाल की विधि बताई। इस दौरान प्रतिभागियों को यूरिन क्रोमैटोग्राफी के द्वारा इन दवाइयों की जांच व परीक्षण कराया गया। कार्यशाला में बीपी मेडिकल कॉलेज नेपाल के साथ ही देश के विभिन्न प्रांतों के मेडिकल कॉलेजों के 21 प्रतिभागी शिरकत कर रहे हैं। कार्यशाला में डा.विवेका नंदन,डा.सत्यावती राना,डा. मनीषा नैथानी, डा.अनीसा आतिफ मिर्जा,डा.सी.क्रिस्थनेथा सौदराराजन, डा.प्रमिला, प्रवीन सिंह आदि मौजूद थे।