काबुल।
अफगानिस्तान में अमेरिका अपने 20 लंबे युद्ध को पूर्ण विराम देने के अंतिम मोड़ पर है। अमेरिकी और नॉटो सैनिकों की वापसी की समय सीमा मंगलवार को समाप्त हो रही है। इस बीच तालिबान ने भी दूसरी पारी के आगाज की तैयारी शुरू कर दी है। वहीं, अफगानिस्तान से अमेरिकी अधिकारियों और सैनिकों के वापसी अभियान अब भी जारी है। वहीं अमेरिका से अलग ब्रिटेन अपना निकासी अभियान पहले ही खत्म कर चुका है।
अमेरिका समेत कई नाटो देशों ने 31 अगस्त तक अफगानिस्तान छोड़ने की बात की थी। ऐसे में अब 36 घंटे से भी कम का वक्त बचा है, जब विदेशी सैनिक काबुल छोड़ चुके होंगे। जानकारी के मुताबिक काबुल एयरपोर्ट पर अब 1000 से भी कम विदेशी बचे हैं, जिनकी घर वापसी होनी है। अमेरिका द्वारा जानकारी दी गई है कि करीब 300 अमेरिकी नागरिक हैं, जिनकी वापसी काबुल एयरपोर्ट से होनी है। अमेरिका के मुताबिक, अभी तक काबुल से करीब 1.14 लाख लोगों को सुरक्षित वापस लाया जा चुका है। अमेरिका ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल स्थित अपने दूतावास से सभी स्थानीय अफगानिस्तानी कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों को सुरक्षित निकाल लिया है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रविवार तक कुल 2,800 अफगानिस्तानी काबुल हवाई अड्डे से अमेरिका रवाना हो चुके हैं। अमेरिकी राजनयिक कर्मचारी अब भी अफगानिस्तान से निकलने की प्रक्रिया में हैं। अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की योजना है कि मंगलवार (31 अगस्त) तक अफगानिस्तान से अमेरिकी राजदूत सहित सभी राजनयिक कर्मचारियों को निकाल लिया जाए। अमेरिका से अलग ब्रिटेन अपना निकासी अभियान पहले ही खत्म कर चुका है। रविवार को ब्रिटेन की आखिरी फ्लाइट काबुल से वापस लंदन पहुंची, जिसमें ब्रिटिश एम्बेसडर भी शामिल थे। रिपोर्ट के मुताबिक, 14 अगस्त से लेकर 30 अगस्त तक ब्रिटेन द्वारा 15 हजार से ज्यादा लोगों को अफगानिस्तान से निकाला गया है। फ्रांस ने भी 29 अगस्त को काबुल से अपना निकासी अभियान खत्म कर दिया था। 14 अगस्त से 29 अगस्त तक फ्रांस द्वारा कुल 3000 लोगों को काबुल से निकाला गया। इनमें 2000 से अधिक अफगान नागरिक थे। वहीं, इटली ने पांच हजार लोगों को अपने देश वापस लाया है।