अर्पणा पांडेय।
आर्थिक तंगी से जूझ रही जेट एयरलाइन ने बुधवार को अपनी आखरी उड़ान भारी। इस तरह जेट एयरवेज का 25 सालों सुहाना सफर लगभग खत्म हो गया। बैंकों से आपात फंड नहीं मिलने के कारण एयरलाइन ने अपनी सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों और अस्थाई रूप से बंद करने का ऐलान कर दिया।
मिली जानकारी के अनुसार 25 साल पहले 1993 में दो विमानों, बोइंग 737 और बोइंग के साथ जेट एयरवेज की शुरुआत धूमधड़ाके के साथ हुई थी। यह देश की पहली निजी एयरलाइंस थी। धीरे धीरे यहआर्थिक संकट से घिर गई। और जेट एयरवेज ने बुधवार रात को अपनी आखिरी उड़ान भरी। बताया जा रहा है कि कंपनी को एसबीआई की अगुवाई वाले कर्जदाताओं के समूह ने 400 करोड़ रुपये का आपात फंड देने से इनकार कर दिया। इसके बाद कंपनी ने अपनी सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को अस्थायी रूप से बंद करने का फैसला किया। कंपनी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज बताया कि उसे अब अपना संचालन बंद करना पड़ रहा है। सूत्रों का कहना है कि विमानन कंपनी ने उड़ानें जारी रखने के लिए एसबीआई के कर्जदाता समूह से 400 करोड़ रुपये का तत्काल आपात फंड मांगा था। कर्जदाताओं ने फिलहाल इस पर कोई रुचि नहीं दिखाई और पैेसे देने से साफ इनकार कर दिया। गौरतलब है कि जेट एयरवेज ने अपनी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को 19 अप्रैल तक रद्द कर दिया है। फिलहाल कंपनी के केवल सात विमान ही परिचालन में हैं। कंपनी के सीईओ विनय ने कहा कि बैंकों के साथ हुई बातचीत को बोर्ड के समक्ष मंगलवार को रखा जाएगा। कंपनी ने सार्क और आसियान देशों के अलावा टोरंटो और पेरिस की उड़ानों को भी अगले आदेश तक के लिए रद्द किया है।