वाशिंगटन। जिस अंतरिक्ष स्टेशन पर सुनीता विलियम्स मौजूद है वह रिस रहा है। रिसव के कारण स्टेशन की हवा लगातार कम हो रही है।
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में रिसाव हो रहा है। हालांकि यह समस्या कई सालों से है, लेकिन अब इसके हालात खराब हो रहे हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा भी अब तक इसका समाधान नहीं कर सकी है। बता दें कि सुनीता विलियम्स समेत छह अन्य अंतरिक्ष यात्री वर्तमान में आईएसएस पर हैं। नासा और रूसी अंतरिक्ष अधिकारी इसके कारणों पर असहमत हैं। रिसाव से स्टेशन की हवा की कमी हो रही है, जिससे चालक दल की सुरक्षा और प्रयोगशाला की लंबे समय तक काम करने की क्षमता पर सवाल उठ रहे हैं। रिसाव वाला हिस्सा रूस के नियंत्रण में है। इस रिसाव से दबाव और वायु दोनों निकल रहे हैं। रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉसमोस और नासा के बीच इस पर असहमति है। नासा का मानना है कि यह समस्या गंभीर हो सकती है, जबकि रूस इसे सुरक्षित मानता है। नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री बॉब कैबाना ने कहा कि रूस इसे सही साबित नहीं कर पा रहा है, जबकि अमेरिका इसे खतरनाक मानता है। खेलने वाले मैदान के आकार के इस प्रयोगशाला में वायु और गैस भरे होने चाहिए ताकि यहां मौजूद अंतरिक्षयात्रियों को सांस लेने में कठिनाई न हो। रिसाव की समस्या 2019 से है और अप्रैल, 2024 तक हवा 1.7 किलोग्राम प्रति दिन की दर से बाहर जा रही है। रूस का मानना है कि यह सूक्ष्म कंपन के कारण हो रहा है, जबकि नासा इसे दबाव, तनाव और पर्यावरणीय जोखिमों का नतीजा मानती है। नासा इसे खतरनाक मानते हुए समाधान खोजने के लिए दबाव डाल रही है। हालांकि, दोनों ही अंतरिक्ष एजेंसी अभी तक इसके समाधान को लेकर सटीक योजना नहीं बना पाई हैं। रिसाव के जोखिम को कम करने के लिए नासा ने स्पेस स्टेशन के कुछ हिस्सों को सील करने जैसे एहतियाती उपाय लागू किए हैं। आठ नवंबर को नासा के अंतरिक्ष यात्री माइकल बैरेट ने बताया कि रूस के अंतरिक्ष यात्री इस मुद्दे के बारे में पूरी जानकारी रखते हैं और दोनों पक्ष एक-दूसरे के निष्कर्षों से अवगत हैं। हालांकि, रिसाव की गंभीरता पर मतभेद हैं, लेकिन बातचीत चल रही है और अंतरिक्ष यात्रियों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।