देहरादून। अनीता रावत
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में शनिवार को अस्धिरोग विभाग की ओर से हड्डियों के कैंसर विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई। जिसमें विशेषज्ञों ने कैंसर होने के लक्षण व नई तकनीकियों की जानकारी दी। संगोष्ठी में देहरादून, हरिद्वार व ऋषिकेश के हड्डी रोग विशेषज्ञ व पीजी स्टूडेंट्स शामिल हुए। इस अवसर पर एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने उत्तराखंड में हड्डियों के ट्यूमर की विशेषज्ञता के लिए शोध एवं नई तकनीकियों के उपयोग पर जोर दिया। एम्स निदेशक ने बताया कि संस्थान में विभिन्न प्रकार के हड्डी के कैंसर की जटिल सर्जरी हो रही है। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो.रवि कांत ने बताया कि एम्स संस्थान में हड्डियों का बैंक स्थापित होने के कारण यह जटिल सर्जरियां संभव हो पा रही हैं। हड्डी रोग विभागाध्यक्ष प्रो.शोभा एस.अरोड़ा ने हड्डी कैंसर के लक्षण व इसकी रोकथाम में कारगर उपलब्ध तकनीकियों पर व्याख्यान दिया। संगोष्ठी में दिल्ली एम्स के पूर्व प्रोफेसर शिशिर रस्तोगी व इंडियन स्पाइनल सेंटर नई दिल्ली के ओंकॉलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो.सुधीर कपूर ने अपने अनुभव साझा करते हुए जनरल आर्थोपेडिक सर्जन व स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को नई तकनीकियों की जानकारी दी। एम्स के अस्थिरोग विशेषज्ञ डा.तरुण गोयल ने हड्डी के कैंसर में प्रयोग होने वाले मेगा प्रोस्थेसिस के बारे में बताया।डा.मोहित धींगरा ने हड्डियों में होने वाली रसौली व उसकी उपचार विधि पर व्याख्यान दिया। संगोष्ठी में देहरादून से डा.विमल नौटियाल, डा.डीके नौटियाल, डा.अनिल जुयाल, डा.एमएम सागर,डा.नवनीत बडोनी, डा.बीके संजय, एम्स ऋषिकेश के डा.आरबी कालिया, डा.पंकज कंडवाल, डा.प्रशांत जोशी, डा.स्वीटी गुप्ता, डा.आशीष भूते,डा.आकृति, डा.अघ्रय,डा.साजिद, डा.तारिक, डा.संतोष आदि मौजूद थे।