देहरादून। अनीता रावत
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में न्यूरो बायो कैमेस्ट्री वर्कशॉप के चौथे दिन विशेषज्ञों ने विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिए, साथ ही प्रतिभागियों को डीएनए को सेल से निकालने व आरएफएलपी तकनीक का प्रशिक्षण दिया गया।बुधवार को आयोजित कार्यशाला में अपने संदेश में एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने संस्थान में मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के साथ ही अनुसंधान पर विशेष जोर दिया। निदेशक एम्स ने कहा कि मेडिकल की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को जो भी पढ़ाया जाए उसे मरीज की बीमारी से जोड़ दिया जाए , वह विषय बच्चों को रोचक लगेगा और उन्हें याद भी रहेगा। निदेशक पद्मश्री प्रो.रवि कांत ने बताया कि संस्थान में रोगियों को वल्र्ड क्लास स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। कार्यशाला में क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर के क्लिनिकल न्यूरो केमिस्ट्री के एसोसिएट प्रोफेसर डा.सीसी सौंदर्य राजन ने ऑल पालिमरेस चेन रिएक्शन एंड प्राइमर डिजाइनिंग में उन्होंने विभिन्न प्रकार के पालिमरेस चेन रिएक्शन, पीसीआर पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि किस तरह से इस रिएक्शन के लिए प्राइमर्स को डिजाइन किया जाता है। वीरेंद्र सिंह ने मल्टीप्लेक्स पीसीआर के बारे में जानकारी दी। डा.रमन कुमार ने डीएनए को कोशिकाओं से निकालने की तकनीक का प्रशिक्षण दिया। इस दौरान सभी प्रतिभागियों ने डीएनए एक्ट्रेक्शन किया, साथ ही उन्हें एसएनपी पैनल के बारे में बताया गया। कार्यशाला में प्रतिभागियों को आरएफएलपी तकनीक का प्रशिक्षण भी दिया गया। विभागीय अपर आचार्य डा.मनीषा नैथानी ने बताया कि प्रतिभागी नई तकनीकियों से रूबरू होकर व उनके प्रयोग से खासे उत्साहित हैं। जिसे वह आने वाले दिनों में अपने अपने कार्यस्थल पर लौटकर स्वयं प्रयोग में लाएंगे। बायोकेमिस्ट्री विभाग के प्रोफेसर विवेका नंदन की देखरेख में आयोजित कार्यशाला में बीपी मेडिकल कॉलेज नेपाल के साथ ही देश के विभिन्न प्रांतों के मेडिकल कॉलेजों से 21 प्रतिभागी शिरकत कर रहे हैं। कार्यशाला में विभागाध्यक्ष डा.अनीसा आतिफ मिर्जा, प्रो.सत्यावती राना, डा.मनीषा नैथानी, डा.प्रमिला, डा.हिमानी, शशि रंजन, हीना उस्मानी,प्रवीन सिंह आदि मौजूद थे।