इस्लामाबाद। पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में सांप्रदायिक हिंसा में अब तक 82 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके साथ 160 से ज्यादा लोग घायल हो गए है। देश के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में सुन्नी और शिया समुदाय के बीच बीते तीन दिनों से भीषण सांप्रदायिक संघर्ष चल रहा है। दोनों पक्षों की ओर से गोलीबारी, पथराव और आगजनी की जा रही है।
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कुर्रम जिले में गुरुवार को यात्री वैन पर हुए हमले के बाद अलीजई और बागन कबाइलियों के बीच हिंसा भड़क गई। यात्री वैन पर हुए हमले में 47 लोग मारे गए थे। इसके बाद बलिशखेल, खार काली, कुंज अलीजई और मकबल में भी गोलीबारी शुरू हो गई थी। इस दौरान दोनों पक्षों की ओर स्वचालित हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा है। कबाइली समुदायों के लोग एक-दूसरे को निशाना बना रहे हैं। पाकिस्तान एक सुन्नी-बहुल देश है, लेकिन अफगानिस्तान की सीमा के पास स्थित कुर्रम जिले में शियाओं की बड़ी आबादी है। इन दोनों समुदायों के बीच दशकों से संघर्ष चलता आ रहा है। हिंसा की ताजा घटना गुरुवार को शुरू हुई जब पुलिस सुरक्षा के तहत यात्रा कर रहे शिया मुसलमानों के दो अलग-अलग काफिलों पर घात लगाकर कुर्रम जिले में 23 नवंबर को लगभग 300 परिवार पलायन करने पर मजबूर हो गए, क्योंकि हल्के और भारी हथियारों के साथ गोलीबारी रात तक जारी रही। पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिम में शिया और सुन्नी मुस्लिम जनजातियां संघर्ष विराम पर सहमत हो गई हैं। एक सरकारी प्रवक्ता ने रविवार को कहा कि कुछ दिनों पहले एक हमले में 47 शिया मारे गए थे। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की सरकार के प्रवक्ता मुहम्मद अली सैफ ने कहा कि सरकारी प्रतिनिधिमंडल द्वारा सुन्नी और शिया बुजुर्गों के साथ बातचीत के बाद दोनों समुदाय सात दिन के संघर्ष विराम पर सहमत हो गए हैं। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष कैदियों की अदला-बदली करने और मृतकों के शव लौटाने पर भी सहमत हुए। सितंबर में कुर्रम जिले में एक जमीन के टुकड़े को लेकर शिया और सुन्नी के बीच आठ दिनों तक चली झड़पों में 50 से अधिक लोग मारे गए थे। लड़ाई की वजह से पाराचिनार-पेशावर मुख्य मार्ग और पाक-अफगान खारलाची सीमा बंद हो गई थी, जिससे परिवहन और आवाजाही बाधित हो गई थी। सड़क नाकेबंदी के कारण भोजन, ईंधन और दवाओं सहित आवश्यक वस्तुओं की कमी हो गई है, जिससे निवासियों के लिए स्थिति और खराब हो गई है।