इस्लामाबाद।
पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के अधिकारियों ने कट्टरपंथी इस्लामी समूह के 800 कार्यकर्ताओं को रिहा कर दिया है। प्रतिबंधित पार्टी की तरफ से लगभग दो सप्ताह से जारी विरोध और संघर्ष को समाप्त करने के लिए हुए समझौते के बाद इन कार्यकर्ताओं को रिहा किया गया है।
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब के कानून और संसदीय मामलों के मंत्री राजा बशारत ने कहा कि जिन लोगों को रिहा किया गया है, वे 12वीं रबीउल अव्वल को शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों और छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किए गए थे। उन्होंने कहा कि जांच पूरी होने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। बशारत ने कहा, जिन कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी, उन्हें अदालतों से जमानत लेनी होगी। मंत्री ने कहा कि यह अभी तय नहीं किया गया है कि तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के कार्यकर्ता, जिन्हें लोक व्यवस्था रखरखाव (एमपीओ) 1960 की धारा 16 के तहत हिरासत में लिया गया था, उन्हें भी रिहा किया जाएगा या नहीं। वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री के विशेष सहायक हसन खरवार ने कहा कि एमपीओ के तहत 1,800 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया था, जिनमें से 860 को रिहा कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि शेष कार्यकर्ताओं को भी जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने आगे कहा कि टीएलपी के साथ हुए समझौते के क्रियान्वयन की योजना तैयार करने के लिए सरकार की संचालन समिति की बैठकें हो रही हैं।
गौरतलब है कि प्रतिबंधित टीएलपी के सैकड़ों सदस्यों ने हाल ही में अपने प्रमुख हाफिज साद हुसैन रिजवी की रिहाई के लिए सरकार पर दबाव बनाते हुए पूरे देश में प्रदर्शन किया था। इसके बाद टीएलपी के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था। सभी की रिहाई टीएलपी और सरकार के बीच समझौते के बाद हुई है।
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