रियाद। सऊदी अरब की पहल पर अरब और मुस्लिम लीग के 57 मुस्लिम देश सोमवार को रियाद में जुटे। इन देशों ने एक स्वर में कहा, इजरायल, गाजा-लेबनान में निर्दोषों की जान ले रहा है। मध्य-पूर्व में शांति के लिए इसे रोकना होगा।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा कि क्षेत्रीय शांति के लिए इजरायल को गाजा और लेबनान से अपनी सेना वापस बुलानी चाहिए। बोले, दुनिया को इस क्षेत्र में हमारे भाईयों के खिलाफ चल रही इजरायली कार्रवाई को तुरंत रोकना चाहिए। उन्होंने इजरायल से कहा कि ईरान पर हमला करने की गलती न करे, इससे अशांति और बढ़ेगी। मध्य पूर्व में इजरायली अभियानों पर चर्चा के लिए बुलाई गई इस आपात बैठक में कहा गया कि क्षेत्र में शांति के लिए इजरायली कब्जे का अंत जरूरी है। सभी देशों ने एक स्वर में इजरायल के हमलों और उसे की जा रही हथियार आपूर्ति की भी निंदा की।
अरब लीग और इस्लामिक सहयोग संगठन से जुड़े देशों ने कहा कि गाजा में इजरायल बड़े पैमाने पर युद्ध अपराध कर रहा है। उसे आम नागरिकों पर हमलों को रोकना चाहिए। ये आपात शिखर सम्मेलन ऐसे समय बुलाया गया है जब डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत मिली है। सम्मेलन में शामिल सभी देशों ने समापन भाषण में कहा कि इस क्षेत्र में न्यायपूर्ण शांति तब तक नहीं आ सकती जब तक 4 जून 1967 के समय के क्षेत्रों पर हुए इजरायली कब्जे वाले क्षेत्र कब्जामुक्त नहीं किए जाते। बयान में कब्जे वाले पश्चिमी तट, गोलान हाइट्स, पूर्वी यरुशलम, गाजा का जिक्र किया गया। बयान में कहा गया कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को एक संप्रभु फिलिस्तीनी राज्य को वास्तविकता बनाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रायोजन के तहत विशिष्ट चरणों और समय के साथ एक योजना शुरू करनी चाहिए। इस शिखर सम्मेलन के बाद हमास ने मुस्लिम देशों से अपील की कि फलस्तीन की एक स्वतंत्र देश के रूप में स्थापना, हमारे लोगों के खिलाफ आक्रमकता और नरसंहार को रोकने के लिए अधिक और तत्काल प्रयास किए जाएं। इजरायल सरकार के नवनियुक्त विदेश मंत्री गिदोन सार ने मुस्लिम देशों की एक राज्य की अपील को यथार्थवादी न बताते हुए खारिज कर दिया। इजरायली वित्त मंत्री बेजेल स्मोट्रिच ने 2025 में वेस्ट बैंक के कुछ हिस्सों पर कब्जा करने का संकल्प लिया।