गाजा पट्टी। गाजा में इजरायली सेना ने फिर जमकर कहर बरपाया। मंगलवार देर रात जबालिया, खान यूनुस में हुए हमलों में 35 लोग और बुधवार सुबह बेत हनौन पर हुए बड़े हवाई हमले में 15 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों अन्य घायल हैं।
गाजा में जान गंवाने वाले लोगों में से 11 लोग इसी क्षेत्र के एक अस्थायी कैफेटेरिया में मौजूद थे। बेत हनौन में हजारों शरणार्थी शहर लिए हुए थे, पर सेना के हमलों के बाद उन्हें वहां से हटना पड़ा। निवासियों ने कहा कि इजरायली सेना ने विस्थापित परिवारों और बची हुई आबादी के आश्रयों को घेर लिया। उन्हें उत्तर में दो शहरों और एक शरणार्थी शिविर को गाजा शहर से अलग करने वाली एक चौकी के माध्यम से दक्षिण की ओर जाने का आदेश दिया। इस दौरान कुछ पुरुषों को हिरासत में भी लिया गया है। जबकि बच्चों, महिलाओं को जाने की अनुमति दी गई। एक नए वीडियो में गाजा में एक इजरायली बंधक को दिखाया गया है। वीडियो में साशा ट्रोफानोव को दिखाया गया है, जो गाजा के अंदर की कठोर परिस्थितियों पर बात कर रहा है। यह स्पष्ट नहीं था कि इसे कब फिल्माया गया था, लेकिन ट्रोफानोव लेबनान में हिजबुल्ला के खिलाफ इजरायली हमले और ईरान के साथ हुए हमलों का जिक्र कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि गाजा में मारे गए लोगों में से 70% बच्चे और महिलाएं थीं। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने सत्यापित किया है कि हवाई हमलों, गोलाबारी और अन्य शत्रुतापूर्ण कार्रवाइयों से गाजा में मारे गए लोगों में महिलाएं-बच्चे सबसे ज्यादा हैं। इनमें पांच से नौ साल के बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा है। गाजा में इस समय भुखमरी के हालात हैं। मानवीय सहायता प्रभावित तक न पहुंचने के कारण शरणार्थी भोजन, पानी, दवा आदि से वंचित हैं। सबसे ज्यादा असर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों, बीमार और विकलांग लोगों पर पड़ रहा है। अमेरिका ने कहा कि वह गाजा में और अधिक मानवीय सहायता भेजने की समय-सीमा बीत जाने के बाद भी इजरायल को दी जाने वाली अपनी सैन्य सहायता में कमी नहीं करेगा।