नई दिल्ली। नीलू सिंह
मेहरम (पुरुष साथी) के बिना हज पर जाने की इजाजत मिलने के बाद इस साल 2340 महिलाएं अकेले हज पर जाने की तैयारी में हैं। यह संख्या पिछले साल के मुकाबले दोगुनी है।
भारतीय हज समिति के मुताबिक, मेहरम के बिना हज पर जाने के लिए कुल 2340 महिलाओं का आवेदन मिला और सभी को स्वीकार कर लिया गया। इन महिलाओं के रहने, खाने, परिवहन और दूसरी जरूरतों के लिए विशेष सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
हज कमेटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मकसूद अहमद खान ने बताया, इस बार कुल 2340 महिलाएं मेहरम के बिना पर हज पर जा रही हैं। जितनी भी महिलाओं ने बिना मेहरम के हज पर जाने के लिए आवेदन किया, उन सबके आवेदन को लॉटरी के बिना ही स्वीकार कर लिया गया। पिछले साल करीब 1300 महिलाओं ने आवेदन किया था।
नई हज नीति के तहत पिछले साल 45 वर्ष या इससे अधिक उम्र की महिलाओं के हज पर जाने के लिए ‘मेहरम’ होने की पाबंदी हटा ली गई थी। मेहरम वो शख्स होता है जिससे इस्लामी व्यवस्था के मुताबिक महिला की शादी नहीं हो सकती अर्थात पुत्र, पिता और सगे भाई। मेहरम की अनिवार्य शर्त की वजह से पहले बहुत सारी महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता था और कई बार तो वित्तीय एवं दूसरे सभी प्रबन्ध होने के बावजूद सिर्फ इस पाबंदी की वजह से वे हज पर नहीं जा पाती थीं।
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