बार्सिलोना।
जलवायु परिवर्तन का संकट गहरा रहा है। यही हाल रहा तो विश्वभर में करीब 20 करोड़ लोग जलवायु परिवर्तन के कारण बेघर हो जाएंगे। विश्व बैंक की ग्राउंड्सवेल रिपोर्ट में यह चेतावनी जारी की गई है।जलवायु परिवर्तन पर लगाम लगाने के लिए त्वरित कदम नहीं उठाए गए तो 2050 तक 20 करोड़ से अधिक लोगों को अपना घरबार छोड़ने को मजबूर होना पड़ेगा। इससे वैश्विक स्तर पर बड़े पैमाने पर पलायन संकट खड़ा होने की आशंका है। रिपोर्ट के मुताबिक जलवायु परिवर्तन से कई इलाकों में पानी की किल्लत बढ़ेगी तो कई में समुद्री जलस्तर में इजाफा होगा। इससे फसलों का उत्पादन प्रभावित होने के साथ ही करोड़ों लोगों की खाद्य सुरक्षा पर विपरीत असर पड़ेगा। रिपोर्ट में इस बात का अनुमान लगाया गया है कि अलग-अलग स्तर पर जलवायु परिवर्तन पर काबू पाने के लिए किए गए उपायों से कैसे पलायन संकट पैदा होगा। उच्च स्तर के कार्बन उत्सर्जन और असमान विकास के चलते छह क्षेत्रों में 21.6 करोड़ लोग अपने ही देश में पलायन करेंगे। इनमें लातिन अमेरिका, उत्तर अफ्रीका, उप-सहारा अफ्रीका, पूर्वी यूरोप-मध्य एशिया, दक्षिण एशिया और पूर्वी एशिया-प्रशांत क्षेत्र शामिल हैं। वहीं, कार्बन उत्सर्जन में भारी कटौती और समावेशी विकास की सूरत में पलायन करने वालों की संख्या 80 फीसदी तक घट सकती है। हालांकि, इसके फिर भी 4.4 करोड़ के आसपास रहने का अनुमान है। रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि उत्तर अफ्रीका में सबसे ज्यादा पलायन अल्जीरिया, मोरक्को और ट्यूनीशिया जैसे देशों में देखने को मिलेगा। जबकि, दक्षिण एशिया की बात करें तो लगातार आती बाढ़ और उससे फसलों को पहुंचने वाले नुकसान के कारण सबसे ज्यादा बांग्लादेशी अन्य क्षेत्रों का रुख करेंगे।