नई दिल्ली। सोने की रिकॉर्ड तोड़ रफ्तार इस साल आगे भी बरकरार रह सकती है। अमेरिकी बैंकिंग और वित्तीय निवेश कंपनी गोल्डमैन सैक्स ने अनुमान जताया है कि 2025 के अंत तक सोने की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 3,700 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती है। भारतीय बाजार में कीमत लगभग 1.10 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के बराबर हो सकती है। यह अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव पर निर्भर करेगा।
गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट-2025 के अनुसार, अगर अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध और वैश्विक मंदी का जोखिम बहुत अधिक बढ़ता है तो सोना 4,500 डॉलर प्रति औंस तक भी जा सकता है, जो भारत में 1.30 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास होगा। गोल्डमैन सैक्स ने 2025 के लिए पहले 3100 डॉलर और फिर 3300 डॉलर का लक्ष्य रखा था, जिसे अब बढ़ाकर 3,700 डॉलर और उच्च जोखिम में 4,500 डॉलर किया है। रिपोर्ट के अनुसार, इस साल की शुरुआत में अंतराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत 2,623 डॉलर प्रति औंस थी। यदि यह 3,700 डॉलर तक पहुंचता है, तो यह 41% का रिटर्न दे सकता है। वहीं, 4500 डॉलर तक पहुंचने पर यह 71.5% का रिटर्न दे सकता है। वर्तमान में सोना 3400 डॉलर से ऊपर प्रति औंस के आसपास कारोबार कर रहा है, जो 2025 में अब तक 22 फीसदी की वृद्धि दर्शाता है। भारत के संदर्भ में 2025 में सोने की कीमतों में 22% से 71.5% तक की वृद्धि हो सकती है। विशेषज्ञ के अनुसार, इस समय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो हालात हैं, उसमें अमेरिका खुद असमंजस में है कि सोने की कीमतों पर क्या असर पड़ेगा। जब तक अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक टकराव कम नहीं होता, सोने के भाव नीचे आने के कोई आसार नहीं हैं। एचडीएफसी के कमोडिटी और करंसी विभाग के प्रमुख अनुज गुप्ता के अनुसार, छोटी अवधि यानी अगले तीन महीनों तक सोने के भाव में गिरावट की संभावना काफी कम है। लेकिन लंबी अवधि में सोने से बेहतर मुनाफा प्राप्त हो सकता है। इसलिए निवेशकों को लंबी अवधि के लिए योजना ही निवेश करने पर विचार करना चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार, सोने की कीमतों में तेज उछाल से फिलहाल छोटे निवेशकों के लिए इसमें निवेश करना मुश्किल हो सकता है। उनके लिए गोल्ड ईटीएफ और डिजिटल गोल्ड के विकल्प उपलब्ध हैं। इनमें छोटी राशि से भी निवेश किया जा सकता है।
