पर्थ। बल्लेबाजों के लिए कब्रगाह तो गेंदबाजों के लिए स्वर्ग बन गई ऑप्टस स्टेडियम की पिच । बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट में दोनों टीम के गेंदबाजों ने जबरदस्त सीम मूवमेंट से नचाया और उछाल से डराया भी। भारतीय टीम 150 रन पर ढेर हो गई तो बुमराह के कहर से ऑस्ट्रेलिया ने 67 रन पर सात विकेट गंवा दिए। इस तरह बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट के पहले दिन शुक्रवार को भारत ने मैच में वापसी कर ली। खेल खत्म होने तक ऑस्ट्रेलिया 83 रन पीछे है और सिर्फ तीन विकेट हाथ में हैं। मेजबानों ने जब भारत को 150 रनों पर समेटा था, तब उन्होंने सपने में भी ऐसा नहीं सोचा होगा। दिन के नायक रहे भारतीय कप्तान जसप्रीत बुमराह ने चार विकेट चटकाकर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी की कमर तोड़ दी। दिन की आखिरी गेंद ने मानो पूरे दिन की कहानी सुना गई। मिचेल स्टार्क क्रीज पर थे और बुमराह ने लेग-साइड पर फील्ड कस दी। स्टार्क वैसे ही ज्यादा पैर नहीं चलाते और अब इस फील्ड सेटिंग ने उनके दिमाग में शॉर्ट बॉल का डर और बैठा दिया। बहुत मुमकिन था कि बुमराह स्लोअर फुल गेंद डालें। स्टार्क ने शायद सोचा भी होगा। बुमराह ने स्लोअर गेंद फेंकी और स्टार्क ने एक अधूरे फ्लिक से गेंद को वापस हवा में उछाल दिया। बुमराह इसे कैच कर लेते तो उनके ‘पंजा’ तय था। गेंद बस थोड़ा नीचे रह गई। इसके बावजूद बुमराह ने साबित कर दिया कि गेंदबाज बेहतरीन हो तो दुनिया की किसी भी टीम की नींद हराम हो सकती है। सुबह बुमराह ने हरी पिच पर टॉस जीतकर बल्लेबाजी चुनी जिसने दिग्गजों को थोड़ा चौंकाया भी। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की सांप जैसी लहराती गेंदों से लगा भी कि शायद फैसला गलत हो गया। यशस्वी बिना खाता खोले आउट हो गए तो देवदत्त पड्डिकल भी 23 गेंद खेलने के बावजूद शून्य पर चलते बने। पदार्पण करने वाले नीतिश रेड्डी के 41 रन और ऋषभ पंत के 37 रन को छोड़कर कोई ज्यादा देर नहीं टिक सका। हेजलवुड ने चार, स्टार्क, कमिंस और मार्श ने 2-2 विकेट लिए। बाद में खेलने उतरी ऑस्ट्रेलिया के पास बुमराह की बेहतरीन गेंदों का कोई जवाब नहीं था। बुमराह ने छह ओवर के अपने पहले ही स्पैल में तीन विकेट चटकाकर मेजबानों को बैकफुट पर ला दिया। बुमराह के चार विकेट के अलावा, सिराज ने दो जबकि पहला मैच खेल रहे हर्षित राणा ने एक विकेट झटका। पहले दिन कुल 17 विकेट गिर और सभी तेज गेंदबाजों ने लिए।