नई दिल्ली। दिल्ली कैपिटल्स स्पिन ट्रैक पर बुधवार को राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ कोटला का किला फतह कर पटरी पर लौटने की कोशिश करेगी। मुंबई से मिली हार को भुलाकर अक्षर पटेल की टीम फिर से जीत की राह पर लौटना चाहेगी। वहीं, राजस्थान की टीम हार के क्रम को तोड़कर प्लेऑफ की उम्मीदें बनाए रखने के प्रयास में होगी।
दिल्ली ने नए कप्तान अक्षर की अगुआई में लगातार चार मैच जीतकर शानदार आगाज किया था। पर घर में आकर टीम लय से भटक गई। कुलदीप यादव और विपराज निगम ने तो अपनी फिरकी का कमाल दिखाया पर तेज गेंदबाजों से उन्हें मदद नहीं मिली। यही नहीं उसके बल्लेबाज भी नाकाम रहे। मुंबई के खिलाफ टीम ने मात्र 74 रन के भीतर अपने अंतिम नौ विकेट गंवा दिए थे। तीन साल बाद आईपीएल में वापसी करने वाले करुण नायर ने 89 की पारी खेलकर टीम को संभाला था। जैक फ्रेजर और स्टब्स के साथ शानदार फॉर्म में चल रहे केएल राहुल भी रन बनाने के लिए जूझते रहे।
दिल्ली के लिए एक बार फिर सफलता की कुंजी स्पिनर साबित हो सकते हैं। कुलदीप और विपराज पर टीम की उम्मीदों का दारोमदार होगा। अक्षर हालांकि उतना प्रभावित नहीं कर सके हैं। छह मैचों में 14 ओवर करने के बावजूद भी उन्हें विकेट नहीं मिला है। उन्होंने 10 से अधिक की दर से प्रति ओवर रन लुटाए हैं। स्टार तेज गेंदबाज स्टार्क भी महंगे साबित हो रहे हैं। उन्होंने 10.30 की इकोनॉमी से सिर्फ नौ विकेट झटके हैं। मुकेश भी छाप नहीं छोड़ पा रहे हैं। बल्लेबाजों में भी निरंतरता का अभाव है। पिछले सत्र में आक्रामक प्रदर्शन करने वाले जैक लय में नहीं हैं। वह सिर्फ 46 रन बना पाए हैं। फाफ डु प्लेसिस चोट के कारण बाहर हैं। नायर ने अर्धशतकीय पारी खेलकर टीम में जगह पक्की लग रही है। टीम को उनसे फिर बड़ी पारी की उम्मीद होगी। मध्यक्रम में राहुल ने दारोमदार संभाल रखा है। उनका साथ देने के लिए स्टब्स और आशुतोष और निगम हैं। वहीं सैमसन की कप्तानी वाली राजस्थान की टीम भी लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई है। टीम अभी तक सिर्फ दो मैच जीत पाई है। उसके खिलाड़ी एकजुट होकर प्रदर्शन करने में नाकाम रहे हैं। युवा ओपनर यशस्वी अभी तक पूरी तरह से रंग में नहीं नजर आ रहे हैं। वह छह मैचों में 30.33 की औसत से 182 रन बनाए पाए हैं। सैमसन (193), पराग (165) और जुरेल (159) ने टुकड़ों में अच्छा प्रदर्शन किया है। टीम को अगर जीत की राह पर वापसी करनी है तो उसे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा। गेंदबाजों में संदीप शर्मा को छोड़कर कोई भी रनगति पर अंकुश नहीं लगा पा रहा है। जोफ्रा आर्चर महंगे साबित हो रहे हैं।
